Sunday, 7 February 2016

SEX Superburg ने दी AIDS को मात!

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अजी बताओ पहले तो एड्स से बचने की कोशिश कर रहे थे अब सुपरबग नाम की नई बिमारी से भी बचना पड़ेगा। और पता चला है कि यह बिमारी एड्स भी खतरनाक है। पहले तो एड्स नाम सुनने से ही डर लगता था पर अब इस नई बिमारी सुपरबग...।


अमेरिका के एक राज्य हवाई मे सेक्स सुपरबग के दो मामले आने से सब जगह हडकंप मच गया है। डॉक्टर ने इस विषय पर चिंता जताई और बताया कि ये एड़स से भी खतरनाक है। डॉक्टरों ने आगे कहा कि सेक्स सुपरबग एड्स से ज्य़ादा जानलेवा है और उन्होंने अमेरिका कांग्रेस से इसकी रोकथाम के लिए 54 मिलियन डॉलर की राशि की मांग की है, ताकि इसकी दवा की खोज की जा सके।

हाल ही में हवाई में सेक्स सुपरबगके दो मामलों के सामने आने से दुनिया भर के डॉक्टर्स चिंता में है। ऐसा माना जा रहा है कि एड्स फैलाने वाले वायरस एचआईवीसे भी ज्‍यादा खतरनाक और जानलेवा है सेक्स सुपरबगका वायरस। ऐसा इसीलिए भी क्योंकि सुपरबगके बैक्टीरिया एड्स के वायरस से भी अधिक तेजी से फैलते हैं और जल्दी असर दिखाते हैं। इतना ही नहीं, जहां एचआईवी से संक्रमित व्‍यक्‍ति के शरीर को कमजोर होने में वक्‍त लगता है वहीं, ऐसा माना जा रहा है कि सुपरबग के प्रभाव इससे भी अधिक घातक हो सकते हैं।

डॉक्‍टर्स का तो ये भी मानना है कि सुपरबग वायरस से सेप्टिक शॉकहो सकता है जिससे पीड़ित व्‍यक्‍ति की कुछ ही दिनों में मौत हो सकती है। ये भी माना जा रहा है कि सेफ सेक्‍ससे ही सुपरबगवायरस से बचा जा सकता है। सेक्स सुपरबगको गोनोरियाया एचओ41’ नामों से भी पहचाना जाता है।

जापान में 2011 में सबसे पहले सेक्स सुपरबगवायरस के बारे में पता चला था। एक सेक्‍स वर्कर में एचओ41’ के लक्षण देखे गए थे। जापान से फैलता हुआ ये वायरस हवाई, कैलीफोर्निया और नॉर्वे तक पहुंच गया। गौरतलब है कि सुपरबगऐसा वायरस है जिस पर किसी दवा का कोई असर नहीं होता। हालांकि स्‍वास्‍थ्‍य विभाग इसकी रोकथाम के लिए एंटीबॉयटिक ढूंढने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।

डॉक्‍टर एलन क्रिस्‍टीएंसन का कहना है कि हर साल एड्स और इससे संबंधित बीमारियों से दुनिया भर में 30 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है, लेकिन सेक्‍स सुपरबग के इससे भी ज्‍यादा घातक होने की आशंका जताई गई है, उनके मुताबिक, 'गोनोरिया से संक्रमित होने से सेप्टिक शॉक हो सकता है और कुछ ही दिनों के अंदर इंसान की मौत भी हो सकती है, यब बहुत खतरनाक है।'

फिलहाल सांस लेने की बात इसलिए है क्योंकि अबतक HO41 से किसी की मौत का मामला सामने नहीं आया है, लेकिन यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने अमेरिकी सरकार से इसकी दवा की खोज के लिए 54 मिलियन डॉलर की मांग की है। स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों का कहना है कि इससे बचने के लिए लोगों में जागरुकता फैलाना बहुत जरूरी है।

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