Saturday, 12 March 2016

क्‍यूं हो जाती हैं कुछ शादियां फेल ?


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विवाह एक अद्भुत सीख और दो दिलों का मिलन है। यह एक दूसरे के साथ जीवनपर्यंत यात्रा की एक शुरुआत है। एमी ब्लूम ने विवाह के बारे में सही ही कहा है कि " विवाह सिर्फ एक रिवाज और एक अंत नहीं है बल्कि यह एक लम्बा, जटिल, अंतरंग डांस है जो कि साथ मिलकर करना है। इसमें कुछ मायने नहीं रखता सिवाय इसके कि आप कैसे बैलेंस करते हो और आपका पार्टनर कैसा है"।विवाह आम सहमति से बना एक रिश्ता है जो कि कानून और धर्म के अनुसार मान्य है। जब हनीमून का समय होता है तो यह मिलन एक घनिष्ठ और गहरे संबंध में बदल जाता है।एक दूसरे की बाँहों में, इश्क में, मजे में और एक दूसरे के प्रति उफनती हुई भावनाओं में बिताये गए हसीन रोमांटिक पल आपको एक पति- पत्नी के रूप में एक नई दुनिया का अहसास कराते हैं। फिर क्यूँ कुछ शादियाँ बोझ बन जाती हैं और क्यूँ कुछ शादियाँ असफल होती हैं?
आइये जानते हैं कारण.....


एक दूसरे की उपेक्षा करना

एक दूसरे की अनदेखी करना, या फिर विवाह पूर्व संबंधों का होना है। रिश्ते में दरार के संकेत आपको मिलते रहते हैं लेकिन आप किसी दूसरे के प्यार में इतने अंधे हो जाते हैं कि आप इसे नजरंदाज कर देते हैं और ऐसी स्थिति में कोई चीज आपको नहीं रोक सकती।
बदलाव को स्वीकार ना करना

जब आप लवर्स होते हैं तो एक दूसरे के विचारों से सहमत होते हैं तो फिर आप शादी के बाद एक दूसरे को स्वीकार क्यूँ नहीं करते? जब इस प्रकार के बदलाव को आप सही तरह से ग्रहण नहीं करते तो यहीं से सब चीजें गलत होना शुरू होती हैं। और यहीं से शुरुआत होती है एक अस्थिर रिश्ते की।

गलतफहमी

हर रिश्तें में आपसी समझ जरूरी है इसलिए जब गलतफहमी होती है तो आप अपने साथी के बारें में सब गलत ही सोचते हैं। गलतफहमी से चीजों का अर्थ भी गलत ही निकलता है जो कि रिश्ते में दरार का काम करता है।

आपसी बातचीत का अभाव

आपसी समझ को सहज बनाये रखने के लिए आपसी बातचीत बहुत जरूरी है। लगभग 50 % विवाह असफल होने का मुख्य कारण आपसी बातचीत का अभाव है। यह आपसी झगड़ें और तर्कों और विचारों के मतभेदों को सुलझाने के लिए बहूत जरूरी है। छोटे मुद्दे भी गंभीर हो जाते हैं और उन्हें सुलझाना भी मुश्किल हो जाता है क्यूँकि दोनों एक दूसरे से बात ही नहीं करते। यह बहूत जरूरी है कि पति - पत्नी एक दूसरे के पास बैठें, बातचीत करें, चर्चा करें और एक दूसरे से अपने सपने, भावनाएं, आशाएं, इच्छाएं और चिंताएं सांझा करें।

विश्वास की कमी

किसी भी रिश्तें के लिए जो सबसे जरूरी चीज है वो है विश्वास चाहे वो पेरेंट्स- बच्चों का रिश्ता हो, टीचर - स्टूडेंट का रिश्ता हो, या फिर पति - पत्नी का रिश्ता। आपको इस रिश्ते को पेड़ की भांति उगाना होगा, उसे सींचना होगा और पोषण देना होगा। जब आप दोनों के बीच मुद्दे या समस्याएं हो तो उन्हें सुलझा लें अन्यथा यदि इसमें देर हो गई तो यह असंतोष को जन्म देता है और विश्वास भी खो जाता है। यदि विश्वास खो जाता है तो रिश्ते में कुछ नहीं बचता है।

अनुकूलता

अच्छी मैरिज लाइफ को बनाने के लिए यह जरूरी नहीं कि आप कितने एक दूसरे के अनुकूल हो बल्कि यह ज्यादा जरूरी है कि आप विपरीतता हो कैसे डील करते हैं।

सफल मैरिज लाइफ का फार्मूला

जैसा कि हमने सुना है शादियाँ तो स्वर्ग में बन जाती हैं। हमें तो यहाँ सिर्फ एक कोशिश करनी होती है। एक सफल मैरिज लाइफ के लिए तीन "F" हमेशा याद रखें। F- फ्रेंडशिपF- फ्रीडमF- फोर्गिवनेस आप एक दूसरे के लिए बने हैं इसलिए फ्रेंडशिप रखें, एक दूसरे को फ्रीडम दें, और जरूरत पड़ने पर एक दूसरे को फोरगिव (माफ़) भी करें। किसी भी रिश्तें से ज्यादा उम्मीद ना करें। यदि आप आशा करने से ज्यादा देने की कोशिश करेंगे तो आप हमेशा खुश रहेंगे।


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