इसका टीवी एड देखा। काफी शांत। कोई शोर-शराबा नहीं। पति-पत्नी के बीच आंखों-आंखों में बातें होती हैं और उसके बाद आई-पिल का जिक्र।
कुछ बात करने से पहले कुछ आंकड़े बता दूं। भारत में..
प्रतिवर्ष 50 लाख गर्भपात कराए जाते हैं।
78 प्रतिशत गर्भधारण अनियोजित होते हैं।
25 प्रतिशत गर्भधारण अनिच्छित होते हैं।
ऐसा नहीं है कि इससे पहले महिलाओं के लिए कोई गर्भनिरोधक दवाई बाजार में नहीं आई है। लेकिन सिप्ला की यह गोली खास है। गर्भधारण के 72 घंटे बाद लेने से गर्भपात हो जाएगा। यह इसकी खास और सबसे खास बात है।
इसके फायदे का तो पता नहीं लेकिन हमारे तेजी से बदलते भारत में इसका नुकसान काफी तेजी से होगा।
सिप्ला की वेबसाइट पर नीचे गुलाबी रंग से साफ-साफ लिखा हुआ है, इसका उपयोग बिना डाक्टरी सहायता के भी लिया जा सकता है। हां, साथ ही कंपनी ने यह भी लिखना नहीं भूला है कि यह गोली गर्भपात की गोली नहीं है।
भारत में जहां नाम भर लिख लेने वाले को साक्षर कहा जाता है, वहां शिक्षा मात्र 64 प्रतिशत है। अब उन्हें इसका अच्छा-बुरा कौन समझाएगा?
जितना शांत इसका टीवी एड है इसके ठीक उलट बाजार में इस गोली का हल्ला होगा।
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