Monday, 27 July 2015

Hindi Sex Story- नशीली पड़ोसन भाभी की चूत चुदाई-4

मेरी उम्मीद की उलट उनकी चूत एकदम टाइट थी।
मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर देखा कि उसका टोपा छिल सा गया था और हल्की-हल्की ब्लीडिंग होने लगी।
पर मैंने हार नहीं मानी और फिर से एक बार लंड से धक्का लगाया लेकिन धीरे-धीरे.. अब लंड थोड़ा सा अन्दर चला गया।
चूत के अन्दर बहुत गर्मी थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरा लंड अभी अन्दर ही फट जाएगा।

इतना दर्द मैंने कभी महसूस नहीं किया था। वाकयी बहुत टाइट चूत थी।
अब कुछ देर रुक कर मैंने धक्के लगाने शुरू किए।
मैंने चूत में लौड़े से धकापेल करने में स्लो-मोशन से शुरू करके फ़ास्ट-स्पीड पकड़ ली और दोनों हाथों से भाभी के मम्मों को पकड़ लिया।
अब भाभी की चूत कुछ ढीली पड़ गई थी।
पूरे कमरे में ‘फच-फच’ की आवाज़ गूंज रही थी।
मैं आनन्द के सागर में गोते लगता हुआ अपने दोस्त का मन ही मन शुक्रिया कर रहा था।
मुझे धक्के लगाते हुए 20 मिनट हो गए थे।
मैं अपने शिखर पर पहुँच गया था..
मैंने एकदम से अपना लंड बाहर निकाल लिया और सारा माल भाभी के पेट पर ही छोड़ दिया।
कुछ देर लेट कर मैं फिर उठा।
अब रात के 2 बज गए थे.. मैंने उठ कर भाभी को साफ़ किया और उनके कपड़े पहना दिए और सोने चला गया।
सुबह उठा तो देखा कि भाभी उठी हुई थीं।
वो बोलीं- रात से मेरा सर चकरा रहा है.. मुझे एक डिस्प्रिन की गोली ला कर देना।
मैंने मन ही मन रात की घटना याद की और मुस्करा कर वहाँ से निकल गया।

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